आदि कैलाश यात्रा 2022: भोलेनाथ के भक्तों की राह होगी आसान, अब दो सौ किमी का पैदल सफर नहीं करना पड़ेगा, मिलेंगी ये खास सुविधाएं
आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा सिर्फ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे है। सड़क न होने के कारण आदि कैलाश जाने वाले यात्रियों को लगभग दो सौ किलोमीटर पैदल (आना-जाना) चलना होता था, लेकिन अब भोलेनाथ के भक्तों की राह आसान होगी।
भारत तिब्बत सीमा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होने के बाद अब कुमाऊं मंडल विकास निगम इस बार आदि कैलाश यात्रा वाहनों से कराएगा। अधिक से अधिक लोगों को यात्रा से जोड़ने और उन्हें पिछले वर्षों की अपेक्षा बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निगम ने नोएडा की संस्था डिवाइन मंत्रा प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है।
सड़क न होने के कारण आदि कैलाश जाने वाले यात्रियों को लगभग दो सौ किलोमीटर पैदल (आना-जाना) चलना होता था। इस बार केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों और सीमा सड़क निर्माण विभाग की पहल पर नाभिढांग और जोलिंगकांग तक एनएच का निर्माण कार्य चल रहा है। निगम के अधिकारियों का दावा हैकि इस बार पूरी यात्रा वाहनों से कराई जाएगी और किसी को पैदल नहीं चलना पड़ेगा।
निगम के प्रबंध निदेशक नरेंद्र सिंह भंडारी और महाप्रबंधक एपी वाजयेपी ने बताया कि जून के पहले हफ्ते से यात्रा शुरू होगी और अक्टूबर तक चलेगी। डिवाइन मंत्रा ने यात्रा के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया कि यात्रियों को बेहतर सुविधा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए ही निगम ने नोएडा की संस्था से अनुबंध किया है।
निगम और मंत्रा दोनों मिलकर कराएंगे यात्रा
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